वर्नियर कैलिपर्स (Vernier Calipers) यह एक मापक यंत्र (Measuring instrument ) है , इसके द्वारा बाहरी , आन्तररिक तथा गहराई तीनो प्रकार की मापे ले सकते हैं। बर्नियर कैलिपर्स का आविष्कार फ्रांस के एक वैज्ञानिक पैरी वर्नियर ने किया था । उसी के नाम पर इस कैलीपर्स का नाम बर्नियर कैलीपर्स पड़ा ।वर्नियर कैलिपर्स बाजार में विभिन्न परिशुद्धताओ (Accuracy) में उपलब्ध हैं; जैसे-0.1 मिमी , 0.05 मिमी तथा 0.02 मिमी , मीटरी प्रणाली में तथा 0.001 ब्रिटिश प्रणाली में । ये 6",7",1' तथा 2' तक की लम्बाईयो में बाजार में उपलब्ध हैं।
2. वर्नियर स्केल (Vernier Scale)
3. फाइन एडजस्टमेंट यूनिट (Fine Adjustment Unit)
4. डेप्थ मेजरिंग स्ट्रिप (Depth Measuring Strip)
वर्नियर कैलिपर्स की संरचना- यह साधारणतः निकेल, क्रोमियम स्टील या वेनेडियम स्टील के बने होते हैं। जिनके मुख्य भाग निम्नलिखित प्रकार हैं-
1. मेन स्केल (Main scale)2. वर्नियर स्केल (Vernier Scale)
3. फाइन एडजस्टमेंट यूनिट (Fine Adjustment Unit)
4. डेप्थ मेजरिंग स्ट्रिप (Depth Measuring Strip)
2. वर्नियर स्केल (Vernier Scale)- यह वर्नियर कैलीपर्स का मुख्य भाग होता है इसको मेन स्केल पर स्लाइड करने के लिए बनाया गया है इसकी दोनों साइडों में कमानी स्प्रिंग दिया होता है।जो इसको सदा एक ही पोजीशन में रखता है इसके बीच में एक खिड़की कटी होती है जिस पर मेन स्केल के निश्चित भागों को एक से अधिक भागों में बांटा गया होता है इसको वर्नियर के सिद्धांत में स्पष्ट किया गया है ।वर्नियर स्केल के साथ में मेन स्केल के सामान ही चल जबड़ा (Movable jaw) तथा चल नीब (Movable Nib) लगी होती है इस को किसी स्थान पर स्थिर करने के लिए उस के ऊपरी भाग में एक लॉकिंग स्क्रू लगा होता है । यह स्केल एक फाइन एडजस्टमेंट यूनिट से मिला होता है।
3. फाइन एडजस्टमेंट यूनिट (Fine Adjustment Unit)- वर्नियर स्केल को थोड़ा सा आगे पीछे लेने के लिए इस यूनिट का प्रयोग किया जाता है इस यूनिट के ऊपर लगे लाकिंग स्क्रू से इसे स्थिर कर दिया जाता है अब इसके नीचे लगे नट को घुमाने पर इसमें लगे स्क्रू के द्वारा वर्नियर स्केल आगे पीछे सकता है इसका प्रयोग वर्नियर स्केल के फाइनल एडजस्टमेंट लिए किया जाता है ।
4. डेप्थ मेजरिंग स्ट्रिप (Depth Measuring Strip)- वर्नियर स्केल के साथ में एक बारीक स्ट्रीप लगी होती है जो मेन स्केल में पीछे की ओर बने ग्रूव (Groove) में स्लाइड करती है । यह ग्रुव से बाहर न आए इसके लिए मेन स्केल के आखिरी सिरे पर ग्रूव के ऊपर एक पत्ती लगी होती है।
जब वर्नियर स्केल के जबड़े मिले होते हैं तो मेन स्केल पर 0 वर्नियर स्केल के 0 के सामने होता है ऐसे समय पर डेप्थ स्ट्रीप भी मेन स्केल के आख़िरी सिरे से मिल रही होती है। कुछ कैलीपर्स में आंआंतरिक माप लेने के लिए अलग से जबड़े नहीं होते हैं बल्कि बाहरी माप लेने वाले जबड़ों को एक निश्चित मोटाई में बाहर से गोल किया होता है यह मोटाई साधारणतः 10 मिमी होती है। इस माप को कैलिपर्स द्वारा ली गई आंतरिक माप से जोड़ दिया जाता है।
वर्नियर का सिद्धान्त (Principle of Vernier) - वर्नियर को समझने के लिए उसकी अल्पतम माप का ज्ञान होना आवश्यक है, अतः
अल्पतम माप (Least Count)- किसी वर्नियर कैलिपर्स द्वारा मापी जा सकने वाली छोटी से छोटी माप उस की अल्पतम माप या अल्पतमांक (Least Count) कहलाती है यह अल्पतम माप वर्नियर कैलिपर्स के मुख्य स्केल पर बने एक खाने का मान (Value of one Division) तथा वर्नियर स्केल पर बने एक खाने के मान के अंतर के बराबर होता है
अल्पतम माप को हम निम्न साधारण फार्मूले के द्वारा भी निकाल सकते हैं--
अल्पतमांक या अल्पतम माप = मुख्य स्केल के एक भाग का मन
वर्नियर स्केल के कुल निशानों की सांख्य
अल्पतम माप = 1 = 0.1
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वर्नियर कैलिपर के प्रकार (Types of Vernier Caliper Types)-वर्नियर कैलिपर मुख्या रूप से 7 प्रकार के होते है
1 - फ्लैट एज वर्नियर कैलिपर (Flat edge vernier caliper)
2 - नाइफ एज वर्नियर कैलिपर (Knife edge vernier caliper)
3 - वर्नियर गियर टूथ कैलिपर (Vernier gear tooth caliper)
4 - वर्नियर डेफ्थ गेज (Vernier depth gauge)
5 - फ्लैट और नाइफ एज वर्नियर कैलिपर (Flat and knife edge vernier caliper)
6 - वर्नियर हाइट गेज (Vernier height gauge)
7 - वर्नियर डायल कैलिपर (Vernier dial caliper)
1 - फ्लैट एज वर्नियर कैलिपर (Flat edge vernier caliper)- फ्लैट एज वर्नियर कैलिपर का उपयोग सामान्य कार्य मे किया जाता है । इस तरह के कैलिपर्स में बहरी सतह चप्टी होती है इसी लिए इसे फ़्लैट वर्नियर नाम दिया ग्या है। फ्लैट एज वर्नियर कैलिपर के उपयोग से हम जॉब की लंबाई, चौड़ाई, मोटाई और व्यास आदि का बाहरी माप ले सकते हैं।
2 - नाइफ एज वर्नियर कैलिपर (Knife edge vernier caliper) - नाइफ एज वर्नियर कैलिपर की धार चाकू के समान होती है, इसी लिए इसे नाइफ एज वर्नियर कैलिपर कहा जाता है। अतः इसके अन्य भाग सभी वर्नियर कैलीपर्स की तरह ही होते हैं। नाइफ एज वर्नियर कैलिपर का उपयोग संकरे स्थान, आई (I) बोल्ट के छिद्रों की दूरी ईत्यादि को मापने के लिए किया जाता है। नाइफ एज वर्नियर कैलिपर का मुख्य त्रुटि यह है कि इसके जबड़े की धार पतली होती है जिसके कारण यह जल्दी ही खराब हो जाता है, और गलत मापाँक देने लगता है। नाइफ एज वर्नियर कैलिपर को बहुत ही सावधानी पूर्वक स्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि इसे जल्दी खराब होने से बचाया जा सके।
3- वर्नियर गियर टूथ कैलिपर (Vernier gear tooth caliper)- वर्नियर गियर टूथ कैलिपर की बनावट में दो स्केल होते हैं । इसमें एक वर्टिकल स्केल और दूसरा होरिजेंटल स्केल होता है । इन दोनों स्केलो से अलग-अलग रीडींग लिया जाता है । गियर टूथ वर्नियर कैलिपर का उपयोग गियर के दांत का कार्डल अडेन्डम एवं कार्डल थिकनैस अर्थात् पिच सर्कल पर दांत की मोटाई को 0.02 मि.मी. की सूक्ष्मता में मापने अथवा चैक करने के लिए किया जाता है ।