जैसा कि नाम से ही विदित है यह आग बुझाने के काम आता है । यह लोहे के आवरण में ढका हुआ एक शंकु आकार का उपकरण होता है ।इसमे विभिन्न प्रकार की आग बुझाने के लिए अलग प्रकार के केमिकल प्रयोग किये जा सक्ते है आवस्तकता पड़ने पर इसमें लगी घुंडी को फर्स पर मारकर इसमे लगी ऐसिड की बोतल को फोड़ दिया जाता है ।इससे रासायनिक क्रिया होने पर गैस या फोम आदि ऊपरी द्वार से बाहर आने लगता है। इसको आग की दिशा में छोड़ कर आग बुझाई जाती है । फायर एक्सटिंग्यूसर कई प्रकार का होता है-
(1)- सी.टी.सी. एक्सटिंग्यूसर(C.T.C. Extinguisher)
(2)- फोम एक्सटिंग्यूसर (Foam Extinguisher)
(3)- सोडा एसिड एक्सटिंग्यूसर (Soda Acid Extinguisher)
(4)- पाउडर एक्सटिंग्यूसर (Powder Extinguisher)
(5)- फायर ब्लैंकेट (Fire Blanket)
(1)- क्लास 'A' फायर ( 2)-क्लास 'B' फायर (3)- क्लास 'C' फायर (4) क्लास 'D' फायर
- क्लास 'A' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ - लकड़ी , कागज, कपड़ा व अन्य इसी प्रकार का कूड़ा -करकट।
आग पर नियंत्रड की विधि- इस प्रकार की आग के लिए पानी का उपयोग किया जाता है । इसमे पानी की बौछार की जाती है ।
क्लास 'B' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ -अति ज्वलनशील पदार्थ जैसे - साल्व्वेट, वेेेजिटेबल आयल ,ग्रीस, पेट्रोलियम , पेन्ट , वार्निश आदि ।
आग पर नियंत्रड की विधि- इसको नियन्त्रित करने के लिये जलती हुुई सम्पूर्ण सतह को ढकना चााहिये, जिससे कि आग को आक्सीजन न मिल सके। इसको बुझाने के लियेे फोम, सूखा पावडर या कार्बन डाई-ऑक्साइड का प्रयोग करना उचित रहेगा। इसमे पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए ।
क्लास 'C' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ - ज्वलनशील गैसें; जैसे- मीथेन , ईथेन , कोल गैस , एल. पी. जी. आदि ।
अग्नियुक्त पदार्थ -यदि सम्भव हो तुरन्त गैस की सप्लाई बन्द कर देनी चाहिए । इसके लिए विशेष प्रकार की फायर एक्सटिंगयुसर (Fire Extinguisher) का प्रयोग करना चाहिए, हेलोन एक्सटिंग्यूसर (Halon Extinguisher) कहते है ।
क्लास 'D' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ - इलेक्ट्रिक सर्किट में लगी आग अथवा धातुओं में लगी आग ।
अग्नियुक्त पदार्थ - इस आग का तापक्रम सबसे अधिक होता है । इसको बुझाने के लिए हेलोन , कार्बन डाई ऑक्साइड तथा सी.टी.सी. फायर एक्सटिंग्यूसरो का प्रयोग किया जाता है । इसके लिए फोम अथवा पानी के फायर एक्सटिंग्यूसर प्रयोग नही करने चाहिए ।
(1)- सी.टी.सी. एक्सटिंग्यूसर(C.T.C. Extinguisher)
(2)- फोम एक्सटिंग्यूसर (Foam Extinguisher)
(3)- सोडा एसिड एक्सटिंग्यूसर (Soda Acid Extinguisher)
(4)- पाउडर एक्सटिंग्यूसर (Powder Extinguisher)
(5)- फायर ब्लैंकेट (Fire Blanket)
1)- सी.टी.सी. एक्सटिंग्यूसर(C.T.C. Extinguisher)-- इस प्रकार की फायर एक्सटिंग्यूसर में कार्बन ट्रेटाक्लोराइड तथा ब्रोमोक्लोराइड डाई फ्लोरो मीथेन भरा होता है । इसे विधुत की आग बुझाने में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इसके रसायन विधुतीय कुचालक होते हैं। इसमें मुँह पर एक हैण्डिल लगा होता है , जिसे दबाने पर गैस व तरल तेजी से बाहर निकलता है तथा आग बुझा देता हैं। ध्यान रहे , ये गैसे हानिकारक होती है।
(2)- फोम एक्सटिंग्यूसर (Foam Extinguisher)- तैलीय पदार्थों तथा मोम में लगी आग को बुझाने के लिए उसकी सतह के ऊपर फोम फैला दिया जाता है। इससे उसे जलने के लिए आवश्यक आक्सीजन मिलनी बन्द हो जाती है तथा आग बुझ जाती है । इसमें दो कन्टेनर होते है-अन्दर के भाग में अलुमिनियम का घोल तथा बाहर के भाग में सोडा बाइकार्बोनेट का गइल भरा होता है। उल्टा करने पर दोनों क्रिया करके फोम पैदा करते है।
(3)- सोडा एसिड एक्सटिंग्यूसर (Soda Acid Extinguisher)- कार्बोनेशियस फायर ( जैसे - लकड़ी , कपड़ा व अन्य ठोस ज्वलनशील पदार्थों से लगी आग ) को बुझाने के लिए इस प्रकार का एक्सटिंग्यूसर प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा विधुत द्वारा लगी आग को नहीं बुझना चाहिए, क्योंकि इसके द्वारा निकले कैमिकल विधुत के अच्छे सुचालक होते हैं।
(4)- पाउडर एक्सटिंग्यूसर (Powder Extinguisher)- इनको ड्राई कैमिकल एक्सटिंग्यूसर भी कहते हैं। इसमे कार्बन डाई-आक्साइड या नाइट्रोजन गैस के साथ सोडियम बाई कार्बोनेट पाउडर को आग पर फेंक जााता है। इसका प्रयोग विधुतीय आग को बुझाने के लिए किया जाता है।
- 1- कारखानों में लगने वाली आग को चार भागों में बाटा गया है-
(1)- क्लास 'A' फायर ( 2)-क्लास 'B' फायर (3)- क्लास 'C' फायर (4) क्लास 'D' फायर
- क्लास 'A' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ - लकड़ी , कागज, कपड़ा व अन्य इसी प्रकार का कूड़ा -करकट।
आग पर नियंत्रड की विधि- इस प्रकार की आग के लिए पानी का उपयोग किया जाता है । इसमे पानी की बौछार की जाती है ।
क्लास 'B' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ -अति ज्वलनशील पदार्थ जैसे - साल्व्वेट, वेेेजिटेबल आयल ,ग्रीस, पेट्रोलियम , पेन्ट , वार्निश आदि ।
आग पर नियंत्रड की विधि- इसको नियन्त्रित करने के लिये जलती हुुई सम्पूर्ण सतह को ढकना चााहिये, जिससे कि आग को आक्सीजन न मिल सके। इसको बुझाने के लियेे फोम, सूखा पावडर या कार्बन डाई-ऑक्साइड का प्रयोग करना उचित रहेगा। इसमे पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए ।
क्लास 'C' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ - ज्वलनशील गैसें; जैसे- मीथेन , ईथेन , कोल गैस , एल. पी. जी. आदि ।
अग्नियुक्त पदार्थ -यदि सम्भव हो तुरन्त गैस की सप्लाई बन्द कर देनी चाहिए । इसके लिए विशेष प्रकार की फायर एक्सटिंगयुसर (Fire Extinguisher) का प्रयोग करना चाहिए, हेलोन एक्सटिंग्यूसर (Halon Extinguisher) कहते है ।
क्लास 'D' फायर -
अग्नियुक्त पदार्थ - इलेक्ट्रिक सर्किट में लगी आग अथवा धातुओं में लगी आग ।
अग्नियुक्त पदार्थ - इस आग का तापक्रम सबसे अधिक होता है । इसको बुझाने के लिए हेलोन , कार्बन डाई ऑक्साइड तथा सी.टी.सी. फायर एक्सटिंग्यूसरो का प्रयोग किया जाता है । इसके लिए फोम अथवा पानी के फायर एक्सटिंग्यूसर प्रयोग नही करने चाहिए ।
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